महात्मा गांधी नरेगा योजना से ग्रामीणों को रोजगार देकर सिंचाई क्षेत्र का किया गया विस्तार

Update: 2023-05-22 03:14 GMT
कवर्धा: कबीरधाम जिला वृष्टि छाया क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसके कारण वर्षा में प्रभाव पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था खेती किसानी आधारित है जिसके लिए पानी की नितांत आवश्यकता होती है जो वर्ष ऋतु पर आधरित है। ग्रामीणों को साल भर खेती किसानी के लिए पानी उपलब्ध हो इसके लिए अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा सुराजी गांव योजना के अंतर्गत जहां नरवा गरुवा घुरवा और बाड़ी का अभियान चलाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कार्य हो रहा है तो वहीं सुराजी गांव योजना के मुख्य घटक नरवा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रो में बहने वाले मौसमी नालो का ट्रीटमेंट कर साल भर पानी रोककर उससे उपयोगी बनाना है। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से हो रहा है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है जो खेती किसानी आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ ग्रामीणों को रोजगार का अवसर दे रहा है जो ग्रामीणों के आमदनी का सशक्त माध्यम भी है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना से जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम पंचायत निवासपुर के बेलझोरी नाला में कराए गए चेक डैम निर्माण कार्य ग्रामीणों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। बेलझोरी नाला अभी मई महीने के भीषण गर्मी में भी पानी से लबालब भरा हुआ है और ग्रामीणों के कृषि कार्य में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। यह नाला निवासपुर प्लॉट (पंडरीझोरी) से बंजर नदी तक बहता है। जब चेक डेम नहीं बना था तब यह नाला गर्मी के दिनों में सूख जाया करता था लेकिन अब इसकी तस्वीर पूरी तरीके से बदल गई है।
बेलझोरी नाला में हुए कार्य पर एक नजर
ग्राम पंचायत निवासपुर के बेलझोरी नाला में महात्मा गांधी नरेगा योजना से चेक डैम निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया जिसकी लागत राशि 17 लाख 23 हजार रुपए थी। इस कार्य में 17 लाख 3 हजार 963 रूपए व्यय हुआ। लगभग 1450 मानव दिवस का रोजगार ग्रामीणों को प्राप्त हुआ जिसके एवज में 2 लाख 73 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को उनके खातों में प्राप्त हुआ। कार्य में 15 लाख 78 हजार रुपए सामग्री पर खर्च किया गया। लगभग 3 महीने चले इस कार्य का अब सुखद परिणाम दिखने लगा है। पहले गर्मी के दिनों में यह नाला पूरी तरह सूख जाया करता था लेकिन अब इस नाले में चेक डैम पर रुके पानी से 50 से 60 कृषक अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं और लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की वृद्धि हुई है। अब नाले में 12 माह पानी रहता है। पानी रोकने से जल संरक्षण के साथ भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है और आसपास के ट्यूबवेल का वाटर लेवल रिचार्ज हुआ है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के मवेशियों के लिए पीने के पानी की उपलब्धता भी हो गई।
जल संरक्षण के कार्य से ग्रामीण हो रहे बहु फसलीय - कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों के अर्थव्यवस्था आधारित कार्यों को प्राथमिकता के साथ कराया जा रहा है। यही कारण है कि जल संरक्षण एवं भू-जल स्तर में वृद्धि करने के अनेकों प्रयास करते हुए विभिन्न परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है। मनरेगा योजना के कार्यों से ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है साथ ही ग्रामीण एक फसल से बहु फसलीय हो रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के नालों का ट्रीटमेंट कर उसे साल भर उपयोगी बनाने के लिए अनेक कार्य हुए हैं जिसका अब सुखद परिणाम ग्रामीणों को मिल रहा है।
ग्रामीणों के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ चेक डैम का निर्माण-सीईओ जिला पंचायत
जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल चर्चा करते हुए बताते हैं कि ग्रामीणों की मांग पर बेलझोरी नाला में चेक डैम निर्माण कार्य कराया गया। निर्माण कार्य पूरा हो जाने से आज मई महीने में भी पानी भरा है जिसका उपयोग ग्रामीण अपने खेतों की सिंचाई के लिए कर रहे है। साथ ही जल संरक्षण वा भू-जल स्तर में वृद्धि हुआ है। नाले के आस-पास के ट्यूबवेल गर्मी के दिनों में काम कर रहा है।
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