राज्य में तीरंदाजी के लिए अच्छी अधोसंरचना तैयार, 126 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था
रायपुर: महाभारत की चर्चित कथा है अपने वन्य प्रदेश में गुरु नहीं होने की वजह से एक छात्र एकलव्य गुरु द्रोणाचार्य की मूर्ति बनाता है और उसे सामने रखकर तीरंदाजी का अभ्यास करता है। कुछ बरसों पूर्व तक छत्तीसगढ़ में भी एकलव्य जैसी प्रतिभाओं के विकास के लिए किसी तरह की एकेडमी नहीं थीं द्रोण की तरह शिक्षक नहीं थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने खेलों की आधारभूत संरचना तैयार करने की पहल की और तीरंदाजी की तरह ही अन्य खेलों के प्रतिभाशाली एकलव्य जैसे हजारों युवाओं के लिए राह आसान हुई। भारत के संदर्भ में देखें तो तीरंदाजी स्पर्धाओं में आदिवासी इलाकों से ही अधिक संख्या में प्रतिभाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच में भारत का नाम बढ़ाया है। इसके चलते छत्तीसगढ़ में भी इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत थी।
126 युवाओं के लिए आवासीय-गैर आवासीय तीरंदाजी प्रशिक्षण की व्यवस्था- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में तीरंदाजी के लिए खास तौर पर अधोसंरचना तैयार की गई है। राज्य स्तर पर हुई स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इनकी प्रतिभा को नये सिरे से गढ़ने की व्यवस्था की गई। बिलासपुर के बहतराई में तीरंदाजी एकेडमी आरंभ हुई। यह पूरी तरह से आवासीय एकेडमी थी। आवासीय एकेडमी होने की वजह से दिन का अधिकांश समय प्रैक्टिस में व्यतीत होता है और यह सेंटर सेंटर आफ एक्सीलेंस बन गया। खेलो इंडिया प्रतियोगिता में यहां के खिलाड़ियों ने कमाल किया। कुबेर जगत को स्वर्ण पदक मिला और गीता यादव को रजत पदक। तीरंदाजी से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि तीरंदाजी के लिए एकाग्रता के साथ ही दृश्य संतुलन और शारीरिक संतुलन का बहुत महत्व होता है। किस तरह से शारीरिक संतुलन रखकर बेहतर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है इसके लिए कोचिंग की बड़ी मदद होती है। इसके साथ ही न्यूट्रीशन का भी बहुत महत्व होता है। रायपुर तीरंदाजी अकादमी में इसके लिए विशेष रूप से न्यूट्रिस्ट का पद सृजित किया गया है। इसके साथ ही शिवतराई उपकेंद्र में 54 खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण की सुविधा है। रायपुर में गैर आवासीय तीरंदाजी अकादमी बनाई गई है। यहां 60 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
प्रस्तावित अकादमियों के माध्यम से 70 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण- तीरंदाजी में प्रतिभाओं को निखारने के लिए राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर में शहीद गुंडाधुर तीरंदाजी अकादमी आरंभ करने की घोषणा की। 40 सीटर यह अकादमी पूरी तरह आवासीय होगी। इसके माध्यम से 40 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिल सकेगा। जशपुर में तीरंदाजी एकेडमी 30 सीटर प्रस्तावित है। यह भी पूरी तरह आवासीय होगी।