राजनांदगांव: मशरूम की सब्जी जायकेदार बनती है, यह तो सबने सुना है। लेकिन मशरूम के स्वादिष्ट अचार, बड़ी, पापड़ के प्रोडक्ट भी राजनांदगांव जिले के ग्राम जंगलपुर में पद्म माँ बम्लेश्वरी स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की महिलाओं ने सामूहिक एकता और एकजुटता दिखाई है। वे आयस्टर मशरूम की आर्गेनिक खेती कर रही हैं। मशरूम उत्पादन के बाद प्रोसेसिंग फूड के रूप में अचार, बड़ी और पापड़ बना रहे हंै। मार्केटिंग के दृष्टिकोण से समूह की महिलाओं द्वारा ब्रांडिंग एवं आकर्षक पैकेजिंग की जा रही हैं। मशरूम स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। मार्केट में इसकी डिमांड को देखते हुए समूह की महिलाएंं मशरूम उत्पादन के साथ ही प्रोसेसिंग फूड एवं पैक्ड मशरूम सप्लाई करने का कार्य कर रही हैं। शासन की सुराजी गांव योजना से गांवों में सामाजिक परिवर्तन की एक लहर आई है। समूह की महिलाओं ने आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन में जिले में बिहान मेला के आयोजन से उनके हुनर को पहचान मिली है। जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार के निर्देशन में लगातार ऐसे आयोजन से समूह की महिलाओं को प्र्रोत्साहन मिला है।
समूह की श्रीमती रंजीत साहू ने बताया कि इस बार डोंगरगांव के विकासखंड स्तरीय बिहान मेला, जिला स्तरीय बिहान मेला राजनांदगांव एवं लोक मंंडई डोंगरगांव में मशरूम के अचार की खूब बिक्री हुई। अभी लगभग 50 हजार रूपए तक की आमदनी हुई है। जंगलपुर में 21 स्वसहायता समूह है। समूह की महिलाएं गौठानों में विभिन्न गतिविधियों में शामिल हैं। समूह की श्रीमती जानकी साहू एवं श्रीमती बिसमत साहू ने अन्य महिलाओं को मशरूम का आचार बनाने की विधि बताई। छोटे से प्रशिक्षण के दौरान अमारी भाजी के फूलों से खट्टा-मीठा खास शर्बत बनाया गया। शर्बत बनाने की विधि सभी ने सीखी। यह शर्बत पाचक एवं ठंडा होता है और गर्मी के दिनों में लाभकारी है। इस अवसर पर पौष्टिक मशरूम के बारे में जानकारी दी गई। पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम विटामिन बी1, बी2, बी9, बी12, विटामिन सी और विटामिन डी2 से समृद्ध है। मधुमेह, हृदयरोग, वजन कम करने सहित विभिन्न बीमारियों में इसका उपयोग कारगर है। इसके सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। अचार, बड़ी, पापड़, सब्जी, सूप के रूप में इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।