इलाज की बेहतर व्यवस्था के लिए मरीजों और डॉक्टरों के लिए लागू किया जाएगा बायोमीट्रिक सिस्टम
रायपुर: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अस्पतालों के इम्पैनलमेंट की पात्रता में बदलाव किया जाएगा। इन शासकीय योजनाओं के तहत इलाज के लिए रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर शहर में न्यूनतम 50 बिस्तर वाले दो वर्ष पुराने अस्पताल अनुबंध के लिए पात्र होंगे। प्रदेश के गैर-अधिसूचित विकासखंडों में न्यूनतम 30 बिस्तर और एक वर्ष पुराना तथा अधिसूचित विकासखंडों में कम से कम छह माह पुराने 15 बिस्तर वाले अस्पतालों को इम्पैनलमेंट की पात्रता होगी। सुपरस्पेशियालिटी अस्पतालों के इम्पैनलमेंट के लिए अलग से नए मापदंड तय किए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज अपने निवास कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्टेट नोडल एजेंसी और सीजीएमएससी के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में मौजूद वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इसके निर्देश दिए।
बैठक में शासकीय योजनाओं के तहत इलाज की सुचारू व्यवस्था, गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित करने तथा उपचार के क्लेम के अस्पतालों को भुगतान में तेजी लाने मरीजों और डॉक्टरों के लिए जीपीएसयुक्त बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत उपचार के लिए प्रदेश भर में अभी 1567 अस्पताल अनुबंधित हैं। इनमें 549 निजी क्षेत्र के और 1018 शासकीय अस्पताल हैं। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बैठक में शासकीय योजनाओं के अंतर्गत अनुबंधित अस्पतालों द्वारा मरीजों के इलाज से मना करने या निर्धारित पैकेजों के अनुरूप उपचार नहीं करने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने इस तरह की शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए निर्धारित पैकेजों की विशेषज्ञ चिकित्सकों की समिति द्वारा समीक्षा कराने को कहा। उन्होंने समिति की रिपोर्ट के आधार पर सुपरस्पेशियालिटी अस्पतालों की अनुबंध के लिए पात्रता, शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित पैकेजों के पुनर्निर्धारण तथा अनुबंधित निजी व शासकीय अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए पैकेज की दर का युक्तियुक्तकरण करने को कहा। उन्होंने स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारियों को शासकीय योजनाओं के अंतर्गत निजी व शासकीय अस्पतालों द्वारा किए जा रहे इलाज, क्लेम प्रकरणों, अनुबंध के लिए अस्पतालों की पात्रता और पैकेज की दर की हर छह महीने में समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
श्री सिंहदेव ने स्टेट नोडल एजेसी को अस्पतालों को इलाज की क्लेम राशि के भुगतान की थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए एजेंसी तय करने दोबारा निविदा जारी करने को कहा। उन्होंने एजेंसी तय होने तक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों के माध्यम से इसकी नियमित ऑडिट की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत उपचार के लिए राशि की स्वीकृति प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए गठित विभिन्न समितियों को रोज प्राथमिकता से काम करने को कहा।
उप मुख्यमंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में शासकीय मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल उपकरणों की खरीदी, उनकी स्थापना और निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के लिए उपकरणों और मशीनों के मानक व स्पेशिफिकेशन तय कर इसके अनुसार ही खरीदी करने को कहा। श्री सिंहदेव ने जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी मशीनों की स्थापना और निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सीजीएमएससी को इन कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। श्री सिंहदेव ने सभी जिला चिकित्सालयों में सिटी स्कैन की सुविधा सुनिश्चित करने को कहा। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक एवं स्टेट नोडल एजेंसी के सीईओ श्री जयप्रकाश मौर्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री चंद्रकांत वर्मा, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस.के. पामभोई और उप संचालक डॉ. के.आर. सोनवानी सहित स्वास्थ्य विभाग, स्टेट नोडल एजेंसी एवं सीजीएमएसी के अधिकारी तथा पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के प्राध्यापक भी बैठक में मौजूद थे।