छत्तीसगढ़ की संस्कृति और संस्कृत के संरक्षण के लिए हो रहा बेहतर कार्य- संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज

Update: 2023-07-19 02:37 GMT
रायपुर: छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् द्वारा छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल सभागार पेंशनबाड़ा रायपुर में आयोजित संस्कृत समारोह में उपस्थित अतिथियों संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, अध्यक्ष खनिज विकास निगम श्री गिरीश देवांगन, अध्यक्ष योग आयोग श्री ज्ञानेश शर्मा, अध्यक्ष जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड श्री विद्याभूषण शुक्ल, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा द्वारा वर्ष 2019 एवं 2020 के लिए संस्कृत विद्वानों और वर्ष 2019 के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज ने सम्मानित होने वाले सभी विद्वानों और छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस सम्मान से संस्कृत के क्षेत्र में कार्य करने वाले में उत्साह जगेगा। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिष्ठित भाषा देव भाषा संस्कृत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी संस्कृति और संस्कृत के संरक्षण तथा विकास के लिए कार्य कर रहें है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर लोंगो के मानस पटल पर लाया है, जिन्हें वे भुल चुके थे। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के पाठ्यक्रम में भी संस्कृत का विषय रखा गया है। श्री चिंतामणि महाराज ने सस्कृत भाषा के और अधिक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता बताते हुए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश में संचालित संस्कृत पाठशालाओं में बच्चें और शिक्षक संस्कृत में ही वार्तालाप करें। इसके अलावा छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी कार्यालय में आपस में संस्कृत में वार्तालाप करें। कार्यक्रम को अध्यक्ष खनिज विकास निगम श्री गिरीश देवांगन, अध्यक्ष योग आयोग श्री ज्ञानेश शर्मा, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
अतिथियों द्वारा सम्मान समारोह में महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय भोपाल के प्रोफेसर डॉ. निलिम्प त्रिपाठी को वर्ष 2019 का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार-महर्षि वेदव्यास सम्मान प्रदान किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2019 में संस्कृत में विशेष योगदान के लिए जिन संस्कृत विद्वानों को सम्मानित किया गया, उनमें राज्य स्तरीय पुरस्कार- महर्षि वाल्मीकि सम्मान डॉ. तोयनिधि वैष्णव रायपुर, लोमश ऋषि सम्मान श्री सुदीप्त किशोर पंडा प्राचार्य वासुदेव संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अडभार पेण्ड्रा, ऋषि ऋष्यश्रृंग सम्मान डॉ. संतोष कुमार तिवारी व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर और माता कौशल्या सम्मान डॉ. गरिमा ताम्रकार व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बटंग वर्तमान में छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर को प्रदान किया गया।
इसी प्रकार वर्ष 2020 के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार में महर्षि वाल्मीकि सम्मान डॉ. बालकृष्ण तिवारी रायपुर, ऋषि ऋष्यश्रृंग सम्मान श्री चन्द्रभूषण शुक्ला श्री महामाया मंदिर देवी पुरानी बस्ती रायपुर और माता कौशल्या सम्मान श्रीमती गीता शर्मा रायपुर को प्रदान किया गया। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में 51 हजार रूपए और राज्य स्तरीय पुरस्कार में 31-31 हजार रूपए की सम्मान राशि के साथ संस्कृत विद्वानों को अतिथि द्वारा सम्मान पत्र, साल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में वर्ष 2019 में कक्षा उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष कक्षा 12वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं में शीर्ष 10 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं में श्री रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सामरबार की छात्रा कुमारी अनुराधा यादव, एम. के. गांधी संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हालाहुली की श्रीमती अनिता राठौर, सावित्री फुले संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोसीर की कुमारी प्रतिमा, श्री रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट के श्री चन्द्रेश पैकरा, श्री रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सामरबार की छात्रा कुमारी गायत्री बाई, कुमारी रूक्मणी, कुमारी लीलाबती, श्री रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट के छात्र बुधेश्वर पैकरा, संस्कृत विद्यालय श्री दुर्गा सेवाश्रम जमड़ी के छात्र अविनाश कुमार और छात्रा कुमारी प्रिया जायसवाल शामिल हैं। इन सभी मेधावी छात्र-छात्राओं को 3001-3001 रूपए की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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