11 स्व सहायता समूहों की 26 महिलाओं ने 25 एकड़ बाड़ी में लगाई जैविक सब्जी

Update: 2023-02-25 02:58 GMT
दुर्ग: शासन द्वारा संचालित बाड़ी योजना के अंतर्गत महिलाओं ने बेहतर ढंग से लाभ उठाया है। जनपद पंचायत पाटन में स्थापित आदर्श गौठान केसरा की महिलाओं द्वारा अजीविका केन्द्र में समूह एवं संगठन की महिलाओं के द्वारा फूलगोभी, बरबट्टी, मूली, भाटा, गवांरफल्ली, लालभाजी और मेथी सब्जी उत्पादित कर 17 लाख 49 हजार 330 रूपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है।
केसरा की 11 स्व सहायता समूहों द्वारा 25 एकड़ भूमि में सामुदायिक बाड़ी में जैविक सब्जी उत्पादित कर स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं। इसमें कुल 26 सदस्य शामिल हैं, जो सब्जी का उत्पादन कर रही है। शुरूआत में स्व सहायता समूह की महिलाओं को लगभग 2 लाख 43 हजार 170 रूपए की राशि व्यय करनी पड़ी। आज वे इससे ज्यादा की राशि की कमाई कर रही है।
स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगभग 79 हजार 700 रूपए उत्पादित सब्जी को 25 रूपए की दर से 19 लाख 92 हजार रूप्ए की सब्जियां विक्रय कर लगभग 17 लाख 49 हजार रूपए का मुनाफा कमा रही है। उन्होंने बताया कि पौधों का रोपण मौसमी सब्जी के कैलेंडर के अनुरूप योजनाबद्ध तरीके से तीन चरणों में किया जाता है। सामुदायिक बाड़ी के माध्यम से स्व सहायता समूहों की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो गई है।
सामुदायिक बाड़ी में काम करने वाली महिला स्व सहायता समूहों में जय मां चण्डी, मां गायत्री, मां लक्ष्मी, खुशी, जय मां शीतला, विंध्यवासिनी, निहारिका, अम्बिका, सिता, पंचमुखी, जय मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह की सदस्य शामिल हैं।
गायत्री स्व सहायता समूह की श्रीमती अंजू सेन ने बताया कि 2019 से अब तक एक लाख दो हजार की राशि प्राप्त हो चुकी है, जिससे मैने स्कूटी खरीदी व खुशी स्व सहायता समूह की श्रीमती नंदनी ठाकुर ने बताया कि मेरे पास पहले रहने के लिए कच्चा घर था, अब मैंने 3 लाख 50 हजार रूपए से अपना पक्का घर बना लिया है। जय मां लक्ष्मी समूह की श्रीमती राधिका ने अपने लिए पायल खरीदा।
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