ट्रेडर के लिए ऑप्शंस एक आवश्यक उपकरण है. बाजार में चाहे जैसा भी उतार-चढ़ाव हो, यह संभावित रूप से मुनाफा दे सकता है; यह कम आवश्यक पूंजी पर उच्च रिटर्न दे सकता है और अधिकांश ऑप्शंस रणनीतियां आपको ट्रेडिंग करने से पहले सटीक जोखिम एवं लाभ जानने में सक्षम बनाती हैं. लेकिन, ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए कुछ बातों को जानना जरूरी है. यहां एक सूची दी गई है जिसमें यह बताया गया है कि ऑप्शंस में ट्रेडिंग से पहले आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
क्या करें
जानें कि ऑप्शंस कैसे काम करता है: शेयर और फ्यूचर्स की तुलना में, ऑप्शंस एक जटिल साधन है. ऑप्शंस से जुड़ी केवल बुनियादी बातों (स्ट्राइक प्राइस, मनीनेस) को जानना ही पर्याप्त नहीं है. उन्नत अवधारणाओं (रणनीतियों, ग्रीक) को जानने से आपको सफलतापूर्वक ऑप्शंस ट्रेडिंग करने में मदद मिलेगी.
जांच-परख: यह जानें कि अंतर्निहित परिसंपत्ति (Underlying Asset) की कीमत को कौन-सी चीज़ें प्रभावित करती हैं जैसे कि अर्निंग्स रिलीज, अल्पकालिक रुझान और बाजार की भावना. तकनीकी और मौलिक विश्लेषण करना सीखकर आपको संभावित ट्रेडिंग अवसरों की पहचान करने में मदद मिल सकती है.
योजनाबद्ध तरीके से ट्रेडिंग करें: बुनियादी ट्रेडिंग प्लान के चार पहलू हैं जैसे प्रवेश मूल्य (Entry Price), स्टॉप लॉस, लक्ष्य और पोजिशन का आकार. ऐसा ट्रेडिंग प्लान तैयार करें जो आपको सही रास्ते पर बनाए रखे और आपको यह तय करने में मदद करे कि जब कीमत आपके पक्ष में हो या आपकी उम्मीद के विपरीत हो तो क्या करना है.
लीवरेज को समझें: ऑप्शंस के जरिए आप छोटे से निवेश के साथ किसी परिसंपत्ति में बड़ी पोजीशन को नियंत्रित कर सकते हैं. यदि परिसंपत्ति आपके अनुकूल स्थिति में है, तो यह बड़ा मुनाफा दिला सकती है, लेकिन यदि परिसंपत्ति आपके प्रतिकूल स्थिति में है तो यह बड़े नुकसान का कारण बन सकती है.
स्पष्ट और व्यावहारिक लक्ष्य बनाएं: नौसिखिया ट्रेडर्स ऑप्शंस को तुरंत अमीर बना देने वाली स्कीम के रूप में देखते हैं. हालांकि, अधिकांश सफल ऑप्शंस ट्रेडर इस बात से सहमत होंगे कि ऑप्शंस ट्रेडिंग की बारीकियों को सीखने में समय और प्रयास लगता है. छोटे लक्ष्यों के साथ शुरू करें और धीरे - धीरे अनुभव बढ़ने के साथ अपनी जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाएं.
क्या न करें
निवेश और ट्रेडिंग को एक में न मिलाएं: अधिकांश बाजार प्रतिभागी अपने अल्पकालिक ट्रेडों को निवेश से अलग नहीं करते हैं. ट्रेडिंग के लिए एक अलग सोच की आवश्यकता होती है और यह अल्पकालिक लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए.
ऑप्शंस रणनीतियों की अनदेखी न करें: आप ऑप्शंस खरीद सकते हैं. आप ऑप्शंस की बिक्री कर सकते हैं. और, ऑप्शंस की एक साथ खरीद-बिक्री भी संभव है. आपके द्वारा अपनाई गई रणनीति बाजार की स्थितियों के अनुरूप होनी चाहिए. इससे ट्रेडिंग से होने वाले नफा या नुकसान की मात्रा को जानने में काफी मदद मिल सकती है. आपको बीच में ही रणनीतियों को बदलना भी पड़ सकता है. यही कारण है कि ऑप्शंस की रणनीतियों को जानना और समझना आवश्यक है.
बहुत ओटीएम ऑप्शंस खरीदने से बचें: ऐसा ऑप्शंस जिसमें कोई आंतरिक मूल्य नहीं है, उसे ‘ओटीएम‘ या आउट - ऑफ - द - मनी ऑप्शंस के रूप में जाना जाता है. कुछ ट्रेडर ओटीएम ऑप्शंस खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे सस्ते होते हैं और उच्च रिटर्न प्रदान कर सकते हैं. हालांकि, अगर स्ट्राइक मूल्य और सुरक्षा के वर्तमान बाजार मूल्य के बीच बहुत अधिक अंतर है, तो ऐसे ऑप्शंस के व्यर्थ होने की उच्च संभावना होती है. इसलिए, ट्रेडर्स को वास्तविक नुकसान होगा.
नेकेड ऑप्शंस बेचने से बचें: नेकेड ऑप्शंस की बिक्री आकर्षक लग सकती है क्योंकि ये उच्च लाभ का वादा करते हैं. लेकिन इनमें समान रूप से अधिक नुकसान का खतरा भी होता है. ऑप्शंस रणनीति का उपयोग करके ट्रेडिंग के माध्यम से पहले से लाभ और हानि का अनुमान लगाने में मदद मिलता है, और इसलिए, जोखिम बहुत कम होता है.
अचल ऑप्शंस में ट्रेडिंग से बचें: अचल ऑप्शंस वे हैं जिनके बाजार में थोड़े-बहुत खरीदार और विक्रेता होते हैं. ऐसा न करने से उन कीमतों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है जिन पर लोग ऑप्शंस को खरीदने और बेचने के इच्छुक हैं, जिन्हें बिड-आस्क स्प्रेड के रूप में जाना जाता है. इससे इन ऑप्शंस को खरीदना या बेचना अधिक महंगा और मुश्किल हो सकता है, जिसका लाभ-हानि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.