नई दिल्ली: दुनिया की तमाम बड़ी आईटी कंपनियों ने हाल-फिलहाल में बड़े स्तर पर छंटनी की है. Amazon से लेकर Twitter, Microsoft और Meta तक में हजारों लोगों को नौकरी से निकालने की खबर है. ये दिखाता है कि दुनिया में रोजगार के मौके घट रहे हैं. यही हाल देश की चार बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS), इंफोसिस (Infosys), एचसीएल (HCL Tech) और विप्रो (Wipro) का है.
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आंकड़े देखें तो इन कंपनियों में रोजगार के मौके 97 फीसदी तक घट गए हैं. 31 दिसंबर 2022 को समाप्त तिमाही में इन 4 कंपनियों ने कुल 1,940 नए लोगों को नौकरी पर रखा. आईटी कंपनियों में नई ज्वॉइनिंग का ये पिछली 11 तिमाहियों में सबसे निचला स्तर है.
वित्त वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इन 4 कंपनियों ने कुल 61,137 नए लोगों को नौकरी दी थीं. नए लोगों को नौकरी देने से मतलब इन सभी कंपनियों की टोटल वर्क फोर्स में 61,137 लोगों का इजाफा होने से है. रोजगार के मौकों में ये गिरावट ठीक इससे पहले की जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले 94 प्रतिशत कम है. तब इन 4 कंपनियों ने 28,836 एम्पलॉइज का नेट एडिशन किया था.
आईटी सेक्टर में जॉब स्विच करना आम बात है. इसलिए आईटी कंपनियां अपने तिमाही परिणामों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने या बदलने की दर को भी एट्रिशन रेट के रूप में दर्ज करती हैं. इसलिए कंपनियों की वर्क फोर्स की गणना में नौकरी छोड़कर जाने वाले और नई ज्वॉइनिंग करने वालों के अंतर को मापा जाता है, जिसे कर्मचारियों की संख्या में नेट एडिशन के तौर पर देखा जाता है.
दिसंबर 2022 में समाप्त हुई तिमाही को देखें तो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस में कर्मचारियों की संख्या में इजाफा होने के बजाय 2,197 की कमी आई है. इस दौरान TCS का एट्रिशन रेट भी घटकर 21.3 प्रतिशत पर आ गया है. टीसीएस के कुल कर्मचारी की संख्या अब 6,13,974 है जो इससे पिछली तिमाही में 6,16,171 थी.
वहीं विप्रो में कुल कर्मचारियों की संख्या पहले के मुकाबले 435 कम हो गई. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में Wipro का एट्रिशन रेट 21.2 प्रतिशत पर आ गया है. कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 2,58,744 है. जबकि इससे पिछली तिमाही में ये संख्या 2,59,179 थी.
इस दौरान इंफोसिस का एट्रिशन रेट घटकर 24.3 प्रतिशत रह गया है. हालांकि कंपनी ने इस अवधि में 1,627 का नेट एडिशन किया है. कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या अब 3,46,845 हो गई है, जो पहले 3,45,218 थी. वहीं HCL का एट्रिशन रेट इस दौरान घटकर 21.7 प्रतिशत रहा है. एक्सपर्ट का मानना है कि मार्केट में बेटर जॉब ऑफर घटने की वजह से कंपनियों का एट्रिशन रेट कम हो सकता है.