बदल गया है चेक क्लियरिंग का सिस्टम, बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को जानकारी दी
1 फरवरी से बैंक नया नियम लागू कर दी है. अगर आप बैंक के इस नए नियम के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको कामकाज में परेशानी हो सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक हैं तो आपके लिए काम की खबर है. बैंक ने अपने कुछ बड़े नियम बदल दिए हैं. बीते कल यानी 1 फरवरी से बैंक नया नियम लागू कर दी है. अगर आप बैंक के इस नए नियम के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको कामकाज में परेशानी हो सकती है.
चेक क्लीयरेंस सिस्टम में हुआ बदलाव
बैंक ऑफ बड़ौदा के चेक क्लीयरेंस (Positive Pay Confirmation) से जुड़े नियम बदल गए हैं. बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 1 फरवरी से चेक पेमेंट के लिए अब कंफर्मेशन अनिवार्य हो गया है. अगर चेक का कंफर्मेशन नहीं होता है तो उस चेक को वापस भी किया जा सकता है. हालांकि, ये नियम 10 लाख या इससे अधिक की रकम के चैक पर लागू होंगे.
बैंक ने ग्राहकों से की अपील
बैंक ने अपने ग्राहकों से अपील की है, 'आप सीटीएस क्लीयरिंग के लिए पॉजिटिव पे की सुविधा का लाभ लें. बैंक ने यह नियम चैक में होने वाली धोखाधड़ी से बचने के लिए किया है. बैंक ने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से विवरणों की पुन: पुष्टि कर स्वयं को धोखाधड़ी से बचाएं.'
इसके साथ ही पॉजिटिव पे कंफर्मेशन के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने ग्राहकों के लिए वर्चुअल मोबाइल नंबर 8422009988 की सुविधा भी दी है. इस नए नियम के तहत सीपीपीएस लिखने के बाद अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक डेट, चेक अकाउंट, ट्रांजेक्शन कोड, पेयी के नाम के साथ 8422009988 पर भेजने पर कंफर्मेशन होगा. इसके अलावा ग्राहक टोल फ्री नंबर 1800 258 4455 और 1800 102 4455 पर फोन किया जा सकता है.
पॉजिटिव पे सिस्टम क्या है?
पॉजिटिव पे सिस्टम चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत चेक की क्लियरिंग में फ्रॉड से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है. यह चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे सुविधा बैंकों को उपलब्ध करा रहा है. यह सिस्टम 50 हजार या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा.
कैसे काम करता है पॉजिटिव पे सिस्टम?
इस सिस्टम के जरिए चेक की जानकारी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम (ATM) के माध्यम से दी जा सकती है. चेक की पेमेंट करने से पहले इन जानकारियों की दोबारा जांच की जाएगी. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो बैंक उस चेक को रिजेक्ट कर देंगे. यहां अगर दो बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.