मार्च के बाद सबसे कम स्तर पर पहुंची, खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति

Update: 2022-08-12 13:49 GMT

न्यूज़ क्रेडिट:navbharattimes

नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर है। खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) जुलाई में नरम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई। यह मार्च के बाद इसका सबसे कम स्तर है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति भी जुलाई महीने में नरम पड़कर 6.75 प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जून में यह 7.75 प्रतिशत थी। हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। यह पिछले सात महीने से 6.0 प्रतिशत से ऊपर है। रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.0 प्रतिशत से ऊपर रही है।

इस बीच विनिर्माण, बिजली और खनन जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन के साथ देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP) जून में 12.3 प्रतिशत बढ़ गया। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार दूसरा महीना है जब औद्योगिक उत्पादन में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है। इस साल जून के दौरान औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि मई 2022 की तुलना में कम है। मई में आईआईपी 19.6 प्रतिशत बढ़ा था जबकि अप्रैल में इसमें 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

आईआईपी में बढ़ोतरी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन, जून 2021 में 13.8 प्रतिशत बढ़ा था। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में इस साल जून में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल इसी महीने में यह 13.2 प्रतिशत बढ़ा था। बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर जून में 16.4 प्रतिशत रही, जबकि जून 2021 में इसमें 8.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर जून महीने में 7.5 प्रतिशत रही। एक साल पहले जून में इसमें 23.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

इस तरह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान आईआईपी 12.7 प्रतिशत बढ़ा है। एक साल पहले की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 44.4 प्रतिशत बढ़ा था। निवेश को प्रतिबिंबित करने वाला पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में जून, 2022 में 26.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह जून 2021 में 27.3 प्रतिशत बढ़ा था। टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र में वृद्धि दर जून महीने में 23.8 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके अलावा प्राथमिक वस्तुओं के मामले में वृद्धि जून महीने में 13.7 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष के इसी महीने में इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सूचकांक में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 34 प्रतिशत है। गैर-टिकाऊ उपभोक्ता खंड में जून में वृद्धि 2.9 प्रतिशत हुई। यह एक साल पहले इसी महीने में 3.9 प्रतिशत बढ़ी थी। मंत्रालय ने कहा कि आंकड़ों का विश्लेषण मार्च 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न आसामान्य स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

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