कृषि, ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़ी

कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर क्रमश: 6.60 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है

Update: 2022-08-19 11:53 GMT
कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर क्रमश: 6.60 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत पर पहुंच गई है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने की वजह से कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। जून में यह आंकड़ा क्रमश: 6.43 और 6.76 प्रतिशत था। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि कृषि और ग्रामीण श्रमिकों (सीपीआई-एएल और सीपीआई आरएल) के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई, 2022 में बढ़कर क्रमश: 6.60 प्रतिशत और 6.82 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
जून, 2022 में यह क्रमश: 6.43 प्रतिशत और 6.76 प्रतिशत थी। जुलाई, 2021 में यह क्रमश: 3.92 और 4.09 प्रतिशत थी। इसी तरह जुलाई, 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति क्रमश: 5.38 प्रतिशत और 5.44 प्रतिशत रही, जो जून, 2022 में क्रमश: 5.09 प्रतिशत और 5.16 प्रतिशत रही थी।
एक साल पहले समान महीने में यह क्रमश: 2.66 प्रतिशत और 2.74 प्रतिशत रही थी। अखिल भारतीय सीपीआई-एएल जुलाई, 2022 में छह अंक बढ़कर 1,131 अंक पर रहा जबकि सीपीआई-आरएल भी छह अंक की वृद्धि के साथ 1,143 अंक पर रहा। अखिल भारतीय सीपीआई-एएल जून, 2022 में 1,125 अंक पर, वहीं सीपीआई-आरएल 1,137 अंक पर था।

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