Railway Privatisation: प्राइवेट ट्रेन चलाने में कंपनियों ने दिखाई खूब दिलचस्पी, रेलवे को इतने करोड़ रुपये की बोली मिली

मोदी सरकार प्राइवेटाइजेशन की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और निजीकरण के इस दौर में इंडियन रेलवे भी है.

Update: 2021-07-24 03:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोदी सरकार प्राइवेटाइजेशन की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है और निजीकरण के इस दौर में इंडियन रेलवे भी है. इंडियन रेलवे ने 23 जुलाई को प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर बोली ( Request for proposal (RFP) का आमंत्रण किया था. रेलवे को तीन क्लस्टर- मुंबई-2, दिल्ली-1 और दिल्ली-2 के लिए बोली मिली है.

जी बिजनेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) और मेगा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जमा किया है. इन तीन क्लस्टर के लिए इंडियन रेलवे 30 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन चलाने की अनुमति देगा. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए 7200 करोड़ का निवेश किया जाएगा.
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस है जिसकी शुरुआत 2019 में की गई थी. पहली प्राइवेट ट्रेन नई दिल्ली और लखनऊ के बीच सेवा देती है और इसका संचालन रेलवे की सब्सिडियरी IRCTC की तरफ से किया जा रहा है.


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