आप अपनी LIC पॉलिसी को अपने बैंक अकाउंट से करा लें लिंक वरना अटक जाएगा पैसा
बीमा कंपनी ने कहा कि बिना किसी रूकावट दावों के निपटान के लिए पॉलिसीधारक बैंक खाता डिटेल (NEFT) उपलब्ध करवाएं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पॉलिसीधारकों के लिए बड़ी खबर है. एक एलआईसी ने एक विज्ञापन के जरिए समय पर दावों के निपटान के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. बीमा कंपनी ने कहा कि बिना किसी रूकावट दावों के निपटान के लिए पॉलिसीधारक बैंक खाता डिटेल (NEFT) उपलब्ध करवाएं. बैंक खाता उपलब्ध नहीं होने पर पॉलिसी मैच्योरिटी का पैसा या क्लेम सेटलमेंट में परेशानी होगी. आपको बता दें कि एलआईसी ने चेक से भुगतान करना बंद कर दिया है. बीमा कंपनी अब डायरेक्ट पॉलिसीहोल्डर्स के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करती है. ऐसे में आप अपनी LIC पॉलिसी को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करा लें. नहीं तो क्लेम का पैसा अटक जाएगा.
10 मार्च को खुल सकता है आईपीओ- देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा का आईपीओ ( LIC IPO) 10 मार्च को खुल सकता है. कंपनी का आईपीओ 10 मार्च को खुलेगा और 14 मार्च को बंद हो सकता है. इसका इश्यू प्राइस 2,000-2,100 रुपये हो सकता है. सरकार ने 13 फरवरी को LIC का ड्राफ्ट पेपर जमा किया था. सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. LIC के आईपीओ के तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी.
ऐसे लिंक कराएं बैंक अकाउंट
एलआईसी ने पॉलिसीधारकों से कहा, मैच्योरिटी तिथि या सरवाइवल तिथि के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज को चेक करें. अपने नजदीकी LIC ऑफिस में जाकर एनईएफटी (NEFT) मैंडेट फॉर्म भरें. NEFT फॉर्म डाउनलोड करने के लिए https://licindia.in/Marquee-Links/Download-NEFT-Form.aspx पर क्लिक करें.
इस फॉर्म के साथ आप कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की कॉपी अटैच करें और इसे जमा कर दें. एक हफ्ते बाद आपकी पॉलिसी आपके बैंक अकाउंट से लिंक हो जाएगी. इसके बाद LIC से मिलने वाला कोई भी पैसा सीधे आपके बैंक खाते में आएगा.
LIC के मुताबिक, बिना किसी अतिरिक्त मूल्य के सही व सुरक्षित भुगतान कहीं से भी किया जा सकता है. सभी डिजिटल भुगतान किसी भी अतिरिक्त शुल्क से मुक्त हैं. मुफ्त ई-सेवाओं के लिए कंपनी की वेबसाइट पर एलआईसी के ग्राहक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
क्लेम रिलीज फॉर्म और पॉलिसी दस्तावेज जमा करें. केवाईसी (KYC) जमा करें और निवास के पते, फोन-मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी आदि को अपडेट करें.