नई दिल्ली: पढ़ाई-लिखाई करने के बाद अच्छी नौकरी करना हर किसी का सपना होता है. अगर हजारों करोड़ों रुपये की वैल्यू वाली कंपनी का टॉप पोस्ट मिल जाए, तो क्या ही कहने. हालांकि हर किसी के लिए नौकरी का इतना महत्व नहीं है. कुछ लोग बड़ी कंपनियों का टॉप पोस्ट छोड़ने से भी नहीं हिचकते. जुपिटर फंड मैनेजमेंट पीएलसी (Jupiter Fund Management PLC) के सीईओ Andrew Formica भी ऐसे ही लोगों में से एक हैं. इनके मामले में बात और खास हो जाती है, क्योंकि इन्होंने इस्तीफा देने का कारण 'कुछ नहीं करना' और 'समंदर किनारे बीच पर बैठकर रिलैक्स' करना बताया है.
करीब 68 बिलियन डॉलर यानी लगभग 5,400 करोड़ रुपये की कंपनी जुपिटर फंड मैनेजमेंट पीएलसी में सीईओ फॉर्मिका (Andrew Formica) ने निजी कारणों का हवाला देते हुए नौकरी छोड़ने का निर्णय किया है. ब्लूमबर्ग की एक खबर के अनुसार, फॉर्मिका का कहना है कि वह अब कुछ नहीं करना चाहते हैं. खबर में फॉर्मिका के हवाले से कहा गया है कि वह अब अपने मूल देश ऑस्ट्रेलिया लौटना चाहते हैं. वह अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ रहने और उनके साथ समय बिताने के लिए अपने देश वापस जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं बस समुद्र तट (Sea Beach) पर बैठना चाहता हूं और कुछ नहीं करना चाहता हूं.'
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के अनुसार, फॉर्मिका साल 2019 में जुपिटर फंड मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े थे और वह इस साल एक अक्टूबर को अपना पद छोड़ देंगे. वह सीईओ पद के साथ-साथ फॉर्मिका इन्वेस्टमेंट फर्म के डाइरेक्टर का पद भी छोड़ने जा रहे हैं. कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) मैथ्यू बेस्ली (Matthew Beesley) अब उनकी जगह सीईओ का पद संभालेंगे. कंपनी ने भी फॉर्मिका के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है.
जुपिटर फंड मैनेजमेंट ने एक स्टेटमेंट में बताया है कि फॉर्मिका ने पहले भी इस बारे में बोर्ड को अवगत कराया था. उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह लंबे समय तक जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते हैं. आने वाले समय में उनकी योजना अपने देश ऑस्ट्रेलिया लौटने की है और परिवार के साथ समय बिताने की है. आपको बता दें कि फॉर्मिका करीब तीन दशक से ब्रिटेन में काम कर रहे थे. उन्होंने जुपिटर से पहले उन्होंने जानूस हेंडरसन ग्रुप पीएलसी के साथ काम किया था. साल 2017 में यूएस फंड हाउस जानूस और ब्रिटेन की कंपनी हेंडरसन के विलय में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.