1946 में देश में हुआ था अंतरिम सरकार का गठन, उस दौरान लियाकत अली ने पेश किया था बजट
इस बार के बजट में नौकरीपेशा से लेकर किसान तक, कारोबारी से लेकर इंडस्ट्रियलिस्ट तक सभी को उम्मीदें हैं. लोगों को आशा है वित्त मंत्री जी उनकी मांगों को पूरा करेंगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Budget 2022 : आम बजट को लेकर वित्त मंत्रालय में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चौथी बार बजट पेश करेंगी. इस बार के बजट में नौकरीपेशा से लेकर किसान तक, कारोबारी से लेकर इंडस्ट्रियलिस्ट तक सभी को उम्मीदें हैं. लोगों को आशा है वित्त मंत्री जी उनकी मांगों को पूरा करेंगी.
1946 में हुआ था अंतरिम सरकार का गठन
लेकिन क्या आपको पता है भारत में बजट पेश करने वाले एक वित्त मंत्री बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए थे. दरअसल, 1946 में देश में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था. इस दौरान लियाकत अली खान ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की नुमाइंदगी कर रहे थे. इस अंतरिम सरकार में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने भारत का पहला बजट पेश किया था.
मेरठ से चुनाव लड़ते थे लियाकत अली
प्रधानमंत्री नेहरू के नेतृत्व की तत्कालीन अंतरिम सरकार की कैबिनेट में लियाकत अली के अलावा सरदार पटेल, भीमराव अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम भी शामिल थे. लियाकत अली खान ने अंतरिम सरकार के वित्त मंत्री के रूप में 2 फरवरी 1946 को लेजिस्लेटिव असेंबली भवन (आज का संसद भवन) में बजट पेश किया था. अविभाजित भारत में लियाकत अली यूपी के मेरठ से चुनाव लड़ते थे. हालांकि उनका जन्म अविभाजित पंजाब के करनाल में हुआ था.
बंटवारे के बाद बने पाक के पहले पीएम
अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री लियाकत अली खान ने अपने बजट को 'पुअरमैन बजट' (गरीबों का बजट) कहा था. बजट (Budget) प्रस्तावों को 'सोशलिस्ट बजट' भी कहा गया. हालांकि, उस समय इंडस्ट्री को यह बजट रास नहीं आया था. 1947 में 14-15 अगस्त की आधी रात को देश का बंटवारा हुआ और आजादी के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान चले गए. लियाकत अली खान मुस्लिम लीग के बड़े नेता थे और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी भी थे. पाकिस्तान जाने पर उन्हें पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया.
कौन थे लियाकत अली खान?
लियाकत अली खान को उस शख्स के रूप में याद किया जाता है. जिन्होंने पहले आजादी, फिर विभाजन और उसके बाद विभाजन के दौरान हिंदू-मुस्लिमों के बीच संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह तत्कालीन पंजाब के करनाल (वर्तमान में हरियाणा के हिस्से में) में एक राज परिवार में जन्मे थे. बाद के दिनों में वह यूपी के मुजफ्परनगर में सक्रिय रहे, वहां उनके परिवार को बड़ी जागीर मिली थी. वह आजाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे. जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम लीग में मोहम्मद अली जिन्ना के बाद दूसरे बड़े ओहदे वाले नेता थे.
1950 में भारत के साथ किया था समझौता
लियाकत अली खान 14 अगस्त 1947 से 16 अक्टूबर 1951 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद पर बने रहे. 16 अक्टूबर 1951 को एक सभा में भाषण के दौरान गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. उन्होंने 1950 में बतौर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भारत के साथ एक समझौता किया था. इस समझौते में दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात की गई थी