भारत की उभरती हुई अर्थव्यवस्था में तेजी से होता इजाफा उसके लिए भविष्य के कई और दरवाजे खोल रहा है. दुनिया की रेटिंग एजेंसिया एक ओर जहां तेजी से भारत की रेटिंग में इजाफा कर रही हैं वहीं दूसरी ओर अब गोल्डमैन सैक्स ने अब जो भविष्यवाणी की है उसके अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था का दुनिया की अर्थव्यवस्था में शेयर 12 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा. यही नहीं गोल्डमैन सैक्स की भविष्यवाणी ये भी कहती है कि 2075 तक भारत अमेरिका से आगे निकल जाएगा.
2075 तक 7 अर्थव्यव्स्थाएं बन जाएंगी EM
गोल्डमैन सैक ने जो रिपोर्ट जारी की है उसका शीर्षक द पाथ टू 2075 - कैपिटल मार्केट साइज एंड ऑपर्च्युनिटी रखा गया है. इस शीर्षक वाली ये रिपोर्ट कहती है कि उभरते बाजारों (Emerging Market) में आगे भी बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहने वाला है. इसमें बढ़ोतरी की दर इतनी तेज रहेगी कि 2075 तक दुनिया की शीर्ष 10 विश्व अर्थव्यवस्थाओं में से 7 उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएंगी. संस्था की रिपोर्ट ये भी कहती है कि उन्हें उम्मीद है कि इस दशक के बाकी बचे समय में उभरते हुए बाजारों की संख्या विकसित बाजारों से ज्यादा हो जाएगी. अभी उभरते बाजारों की विकास दर 1.8 प्रतिशत है जबकि आने वाले समय में ये 3.8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.
कौन-कौन सी होगी पांच बड़ी अर्थव्यवस्था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोल्डमैन सैक्स की इस रिपोर्ट का अनुमान ये है कि 2050 में दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन, अमेरिका, भारत, इंडोनेशिया और जर्मनी होंगी. 2075 तक, चीन, अमेरिका और भारत के तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बने रहने की संभावना है और सही नीतियों और संस्थानों के साथ, दुनिया की शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में से सात के उभरती अर्थव्यवस्थाओं में होने का अनुमान है. मुख्य अर्थशास्त्री और प्रमुख जान हैट्ज़ियस ने कहा - बेहतर आर्थिक विकास की बदौलत आने वाले दशकों में उभरते बाजारों और भारतीय पूंजी बाजारों का कद बढ़ने की उम्मीद है.
कैसे-कैसे होगा उभरती अर्थव्यव्यवस्था का विकास
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोल्डमैन सैक्स ने आने वाले सालों में उभरते बाजारों की ग्रोथ रेट को लेकर भी अपनी रिपोर्ट जारी की है. बैंक का कहना है कि वैश्विक इक्विटी बाजार पूंजीकरण में उभरते बाजारों की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग 27 प्रतिशत से बढ़कर 2030 में 35 प्रतिशत, 2050 में 47 प्रतिशत और 2075 में 55 प्रतिशत तक हो जाएगी. हमें उम्मीद है कि भारत वैश्विक बाजार में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज करेगा. मार्केट कैप हिस्सेदारी की बात करें तो 2022 में ये 3 प्रतिशत से थोड़ा कम थी जो 2050 में 8 प्रतिशत और 2075 में 12 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. ये आंकड़े भारत की जनसंख्या और प्रति व्यक्ति तेजी से बढ़ते सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को दर्शाता है.