हर रेस्‍टोरेंट में नहीं देना है GST

Update: 2023-06-25 08:15 GMT
अपने परिवार के साथ बाहर खाना खाने तो आप जाते ही होंगें. जब वेटर आपके पास बिल लेकर आता है तो उसमें लगे जीएसटी को भी सभी लोग पेमेंट कर देते हैं. सर्विस टैक्‍स की तरह इसे लेकर कोई नहीं पूछता कि ये तो जरूरी है या नहीं है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि सर्विस टैक्‍स की तरह जीएसटी को लेकर भी आप लोग सवाल पूछ सकते हैं. क्‍योंकि ये भी जरूरी नहीं है कि आप इसे रेस्‍टोरेंट मालिक को दें. आखिर क्‍या है ये पूरा मामला आज हम अपनी स्‍टोरी में आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं.
आखिर क्‍या है पूरा मामला
दरअसल सकार की एक योजना है जिसे GST Composition Scheam कहा जाता है. जो भी रेस्‍टोरेंट ओनर इस स्‍कीम में लिस्‍टेड होता है वो जीएसटी चार्ज नहीं कर सकता है. जो भी लोग इस स्‍कीम का फायदा लेते हैं वो लोग रेस्‍टोरेंट में खाना खाने वालों से जीएसटी नहीं वसूल सकता है. क्‍योंकि इस स्‍कीम के तहत उन्‍हें फायदा मिलता है. इसलिए आप जब कभी भी किसी रेस्‍टोरेंट में खाना खाने जाए तो इस बात का ध्‍यान रखें कि वो रेस्‍टोरेंट इस स्‍कीम में लिस्‍टेड है या नहीं है.
आखिर कैसे पता लगाए कि रेस्‍टोरेंट लिस्‍टेड है या नहीं
एक ग्राहक के प्‍वॉइंट ऑफ व्‍यू से ये भी जरूरी है कि वो कैसे पता लगाए कि जिस रेस्‍टोरेंट में वो खाना खाने गया है वो रेस्‍टोरेंट सरकार की इस स्‍कीम का फायदा ले रहा है या नहीं ले रहा है. इसके लिए हम आपको बताते हैं आप इसका कैसे पता लगा सकते हैं. दरअसल जो भी लोग सरकार की इस स्‍कीम का फायदा लेते हैं उन्‍हें अपने रेस्‍टोरेंट के बिल पर composition taxable person, not eligible to collect tax on supplies लिखना होता है. ये अनिवार्य तौर पर लिखना जरूरी है. आप इसे जीएसटी पोर्टल के जरिए भी पता लगा सकते हैं. क्‍योंकि संभावना इस बात की भी है कि रेस्‍टोरेंट ओनर इसे अपने बिल पर न लिखे. ऐेसे में आप पोर्टल में जाकर उस रेस्‍टोरेंट का नाम चेक कर सकते हैं.
जीएसटी पोर्टल पर ये कैसे पता करें
जीएसटी पोर्टल पर आपको ये जानकारी कैसे चेक करनी है इसकी भी हम आपको विस्‍तार से जानकारी दे रहे हैं.
सबसे पहले आपको जीएसटी के पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जाएं.
उसके बाद पोर्टल पर Search Composition Taxpayer पर क्लिक करें.
इसके बाद उसमें रेस्‍टोरेंट के बिल पर लिखे जीएसटी नंबर को दर्ज करें.
नंबर को दर्ज करते ही आपको पता चला जाएगा कि रेस्‍टोरेंट रेगुलर GST पेयर है या कॉम्‍पोजिट पेयर.
अगर रेस्‍टोरेंट कॉम्‍पोजिट पेयर है तो बिल में जोड़े गए जीएसटी चार्ज का भुगतान न करें.
अगर रेस्‍टोरेंट जबरदस्‍ती बिल में जीएसटी वसूलता है, तो आप इसकी ऑनलाइन https://gstcouncil.gov.in/grievance-redressal-committee-grc लिंक पर जाकर कर सकते हैं.
उम्‍मीद है अगली बार आप जब भी रेस्‍टोरेंट में खाना खाने जाएंगे तो आप इस जानकारी को जरूर चेक करें.
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