शेयर बाजार में शानदार रिकवरी में देखी जा रही है तेजी

सोमवार को शेयर बाजार क्रैश (Share market crash) करने के बाद मंगलवार को बाजार (Share market updates) में रिकवरी देखी जा रही है

Update: 2022-02-15 06:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  सोमवार को शेयर बाजार क्रैश (Share market crash) करने के बाद मंगलवार को बाजार (Share market updates) में रिकवरी देखी जा रही है. सुबह के 9.25 बजे सेंसेक्स 500 अंकों के उछाल (Sensex today) के साथ 56906 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. निफ्टी 137 अंकों की तेजी के साथ 16980 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. इस समय सेंसेक्स के टॉप-30 में 23 शेयर हरे निशान में और सात शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. विप्रो, टेक महिंद्रा और भारतीय एयरटेल इस समय के टॉप गेनर्स हैं. वहीं, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक इस समय के टॉप लूजर्स हैं. इस समय आईटी और FMCG इंडेक्स में सबसे ज्यादा मजबूती है.

यस सिक्यॉरिटीज के अमर अंबानी ने कहा कि कोरोना काल में निफ्टी 7500 के बाद 18000 के स्तर तक पहुंचा. अक्टूबर 2021 से यह लगातार कंसोलिडेट कर रहा है. वर्तमान ट्रेंड के मुताबिक, आने वाले समय में शेयर बाजार में और करेक्शन आएगा. इतिहास गवाह है कि बजट के कारण फरवरी के महीने में शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल रहता है. संभव है कि करेक्शन के दौरान निफ्टी 15800 के स्तर तक सुधर जाए. लॉन्ग टर्म में बाजार में तेजी बनी रहेगी. 2022 के आने वाले महीनों में बाजार शानदार परफॉर्म करेगा.
रूस-यूक्रेन बातचीत के रास्ते पर
कच्चे तेल के भाव में आज गिरावट देखी जा रही है. इस समय कच्चा तेल 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 95.85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर ट्रेड कर रहा था. दरअसल रूस के विदेश मंत्री सर्गई लवरोव ने कहा कि यूक्रेन के साथ विवाद को लेकर लेकर पश्चिमी देशों के साथ हमेशा बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. उनके इस बयान के बाद कच्चे तेल में गिरावट आई है और बाजार का सेंटिमेंट भी सुधरा है.
ग्लोबल टेंशन से जल्द रिकवरी करेगा बाजार
इस समय ग्लोबल इकोनॉमी और स्टॉक मार्केट महंगाई और एनर्जी प्राइस की समस्या से परेशान है. महंगाई आसमान पर है. इसके कारण फेडरल बैंक पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है. रूस और यूक्रेन के विवाद के कारण एनर्जी प्राइस पर दबाव और बढ़ गया है. ऐसे में यह सेंटिमेंट कब तक कमजोर रहेगा इसको लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले दो दशकों में देखा गया है कि ग्लोबल पॉलिटिकल टेंशन का बाजार पर असर तात्कालिन रहा है. जब ग्लोबल टेंशन बढ़ती है तो बाजार में करेक्शन आता है और अगले एक महीने के भीतर यह सेंटिमेंट सुधर भी जाता है.
सोमवार को निवेशकों के डूब गए थे 8.47 लाख करोड़
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट से निवेशकों की संपत्ति 8.47 लाख करोड़ रुपए से अधिक घट गई. शेयर बाजार में शुक्रवार को हुई भारी बिकवाली के बाद सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में भी घरेलू बाजार भारी गिरावट में रहा.बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,747.08 अंक या तीन फीसदी के नुकसान से 56,405.84 अंक पर आ गया था. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में 8,47,160.93 करोड़ रुपए घटकर 2,55,42,725.42 करोड़ रुपए रह गया.


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