विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में भारतीय शेयर बाजारों में 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि मई में बाजार में एफपीआई आक्रामक खरीदार थे और उन्होंने शेयर बाजार और प्राथमिक बाजार के जरिए कुल मिलाकर 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया। उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के बीच एक सर्वेक्षण से पता चला है कि सभी उभरते बाजारों की तुलना में भारत का आकर्षण ज्यादा होने को लेकर उनके बीच आम सहमति है। भारत ने मई में सभी उभरते बाजारों में सबसे बड़ा निवेश आकर्षित किया, जबकि एफपीआई चीन में बिकवाल रहे। एफपीआई के जून में भी भारत में अपना निवेश जारी रखने की संभावना है क्योंकि नवीनतम जीडीपी डेटा और अन्य संकेतक एक मजबूत अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार और निर्माण बड़े निवेश को आकर्षित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ कारोबारी दिनों में निफ्टी 18887 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर को पार कर नया रिकॉर्ड बना सकता है। लेकिन रिकॉर्ड स्तर पर बिकवाली का दबाव है क्योंकि मूल्यांकन चिंता का विषय बनेगा। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा कि उम्मीद से बेहतर राष्ट्रीय आय के आंकड़ों, मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई को प्रोत्साहित करने और अंत में अमेरिकी ऋण सीमा चर्चाओं के बंद होने से इक्विटी बाजार काफी उत्साहित है। इन कारकों से बनी सकारात्मक भावना कुछ और समय तक बनी रह सकती है। हालांकि, निकट भविष्य में निर्यात में गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि लगभग सभी ऑटो कंपनियों ने निर्यात में मंदी की बात कही है।