टमाटर, हरड़, जीरा, अदरक, अरहर दाल और उड़द दाल की महंगाई ने वैसे ही आम लोगों की जेब पर डाका डाला है. तो टमाटर की महंगाई ने वित्त मंत्रालय की भी चिंता बढ़ा दी है. वित्त मंत्रालय के आर्थिक प्रभाग द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जारी वार्षिक आर्थिक समीक्षा में साफ लिखा है कि बेमौसम बारिश जैसे घरेलू कारणों से टमाटर जैसी कुछ सब्जियों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है.
वित्त मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा है कि अल नीनो के प्रभाव से थोक आधारित मुद्रास्फीति में कमी के बाद भी खुदरा कीमतों पर इसके प्रभाव का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, 6 जुलाई को दिल्ली में टमाटर 120 रुपये, गुरुग्राम में 140 रुपये, कोलकाता में 152 रुपये और पटना में 120 रुपये प्रति किलो मिल रहा है.वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में सुधार, सरकार के नीतिगत फैसले और आरबीआई की मौद्रिक नीति की सख्ती के कारण वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति में कमी आई है। लेकिन बेमौसम बारिश के कारण टमाटर समेत कुछ सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा गया है कि अल नीनो के कारण घरेलू खाद्य कीमतों पर असर और थोक कीमतों में कमी के बावजूद खुदरा कीमतों में कमी न होने से महंगाई दर ऊंची रह सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक तनाव, वैश्विक वित्तीय प्रणालियों में उथल-पुथल, वैश्विक शेयर बाजार में गिरावट, अल नीनो का प्रभाव और कमजोर वैश्विक मांग के कारण विकास की गति प्रभावित हो सकती है.वहीं, वित्त मंत्रालय ने मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि मजबूत चौथी तिमाही के चलते 2022-23 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 7.2 फीसदी रही है, जो फरवरी 2023 के 7 फीसदी अनुमान से ज्यादा है.