इस समय प्याज की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले कम

प्याज की कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक का प्याज राज्यों को जारी करना शुरू कर दिया है

Update: 2022-02-19 06:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  प्याज की कीमतों (onion price today) पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. उसने उन राज्यों के लिये प्याज का बफर स्टॉक (Buffer stock of Onion) सुनियोजित और लक्षित तरीके से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जहां दाम पिछले महीनों के मुकाबले बढ़ रहे हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बाजारों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में प्याज की लासलगांव और पिंपलगांव थोक मंडियों में भी बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है. सरकार ने कहा कि इस समय प्याज की औसत कीमत पिछले साल के मुकाबले 22 फीसदी कम है. 17 फरवरी को पूरे भारत में प्याज का औसत मूल्य 35.28 रुपए प्रति किलोग्राम था. यह 17 फरवरी 2021 के मुकाबले 22.36 फीसदी कम है. सरकार ने यह भी कहा कि देर से खरीफ प्याज का आवक अभी सुस्त है. कमोबेश यह स्थिति मार्च तक बनी रहेगा, जब तक रबी फसल वाला प्याज आना शुरू नहीं हो जाता है.

मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को भंडारण से अलग स्थानों पर 21 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की पेशकश की गई है. मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्रों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से इस सब्जी की आपूर्ति की गई है. मंत्रालय ने कहा, ''… बफर स्टॉक के तेजी से बाजार में आने से प्याज की कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है.''
प्याज की खुदरा कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही थी
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में खुदरा प्याज की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. दिल्ली और चेन्नई में प्याज की कीमत 37 रुपए किलो थी, जबकि मुंबई में 39 रुपए किलो और कोलकाता में 43 रुपए किलो थी. मंत्रालय ने आगे कहा कि देर से पैदावार वाली खरीफ (गर्मी) प्याज की आवक स्थिर है और मार्च, 2022 से रबी (सर्दियों) फसल के आने तक स्थिर रहने की उम्मीद है.
पिछले साल की तुलना में कीमत 22 फीसदी कम
इस साल 17 फरवरी तक, प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत पिछले साल की तुलना में 22.36 फीसदी कम थी. मंत्रालय के अनुसार, मूल्य स्थिरीकरण कोष (प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड) के माध्यम से प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान प्याज की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं. इसी तरह, आलू का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य पिछले महीने की तुलना में 17 फरवरी को 6.96 फीसदी कम यानी 20.58 रुपए प्रति किलोग्राम था.
राज्यों को खाद्य पदार्थों की कीमत कंट्रोल में रखने का निर्देश
अब तक छह राज्यों, आंध्र प्रदेश, असम, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने अग्रिम रूप से लिया है और कुल 164.15 करोड़ रुपए केंद्रीय हिस्से के रूप में जारी किए गए हैं. इन राज्यों के पास आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप करने के लिए धन और जनादेश है. इसमें कहा गया है, ''अन्य राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि वे आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए राज्य स्तर पर हस्तक्षेप के लिए पीएसएफ का गठन करें.'
टमाटर की कीमत में धीरे-धीरे कमी आ रही है
टमाटर के मामले में, पिछले एक महीने के दौरान कीमतों में गिरावट आई है, हालांकि यह पिछले साल के स्तर से थोड़ा ऊपर रहा है. एक फरवरी तक टमाटर की अखिल भारतीय औसत कीमत 26.69 रुपए प्रति किलोग्राम थी जो पिछले महीने की तुलना में कम है. जैसे-जैसे उत्तर भारत में आवक में तेजी आएगी, आने वाले सप्ताह में कीमतों में और गिरावट आएगी. दक्षिण भारत में आवक भी आने वाले सप्ताह में बढ़ेगा और फरवरी के अंत तक गति पकड़ लेगा.


Tags:    

Similar News

-->