छत्तीसगढ़

बाम्बे हाईकोर्ट ने वेश्याओं को अकल्पनीय अधिकार दिया:वरिष्ठ अधिवक्ता रिजवी

Kunti Dhruw
27 Sep 2020 1:41 PM GMT
बाम्बे हाईकोर्ट ने वेश्याओं को अकल्पनीय अधिकार दिया:वरिष्ठ अधिवक्ता रिजवी
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जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि बाम्बे हाईकोर्ट ने वेश्यावृत्ति को जुर्म नहीं ठहराया है तथा जिस्मफरोशी को वयस्क महिला का अधिकार निरूपित किया है। बाम्बे हाईकोर्ट ने एक चौकाने वाले फैसले में यह निर्णय देकर विभिन्न सरकारों को नौकरी उपलब्ध न कर सकने के लिए उनके मुख पर करारा तमाचा मारा है।

रिजवी ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया है कि रायपुर में बाबूलाल टाकीज के बाजू एवं पीछे वेश्यालय एवं तवायफों के द्वारा अपने नाच-गाने के फन का प्रदर्शन कर लोगों का मनोरंजन करने का व्यवसाय था। उस वृत्ति एवं फन को तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने बंद करवा दिया था जिससे इस कारोबार में संलिप्त तवायफों के समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़ गए थे। सरकार द्वारा उन तवायफों एवं वेश्याओं को जीवन यापन के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई जिनका इस कारोबार से जुड़ी महिलाओं का व्यवस्थापन हो सके। रिजवी ने कहा है कि बाम्बे हाईकोर्ट का फैसला सामयिक एवं तवायफों के व्यवस्थापन का मार्ग प्रशस्त करेगा तथा सभी को पुनः इस व्यवसाय से जुड़ने मजबूर होना पड़ेगा। प्राचीनकाल में भी देवदासी प्रथा इस देश में प्रचलन में थी। वेश्यालयों के कारण बलात्कार एवं दुष्कर्म के प्रकरणों की संख्या नहीं के बराबर हुआ करती थी। उस समय वेश्याओं को मासिक स्वास्थ्य चेकअप भी हुआ करता था तथा ताकि उनके सम्पर्क में आने वालों को गुप्त रोगों से बचाया जा सके। देश के बड़े-बड़े शहरों में यह प्रथा आज भी चलन में है उसे दूसरे शहरों में क्यों लागू नहीं किया जा सकता? हाईकोर्ट का फैसला उनके लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा। ।

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